एतमाद
मिलोगे जब कभी इत्तफाक से
जीवन के चौराहे पर
तो क्या जान लोगे कि
यही है दिल जो धड़का था
कभी खातिर तुम्हारी
यही थे नयन जो तकते थे
कभी राहें तुम्हारी
मिल भी जाओगे तो
क्या होगा कभी एतमाद कि
यही वोह रूह थी जो
भटकी थी दिन रात
पा जाने को
इक झलक तुम्हारी
ना भूलोगे कभी
है यह एहसास भी मन को
पाओगे जब कभी तन्हा अपने आप को
तो बरबस मुस्कुराओगे
करोगे याद और फिर गुनगुनाओगे
हाँ इक पगली थी
जो कर जाती थी
व्यथित राते तुम्हारी
छनकती घूंघरूयों से
खनकती चूड़ियों से
महकती सुरभियों से
दहकती जुगनूयों से
वोह इक चमकती आभ थी
जो कर जाती थी
रौशन राहें तुम्हारी
भ्रम है याँ सच है
पर मन में कुछ पलता है
जो दुर्बल होते जीवन को
इक आशा से भरता है
आशा जो देती सुर में ताल
आशा धोती मन का मलाल
आशा जो देती तन में प्राण फूँक
आशा जो देती नव आशा की कूक
मिलोगे जब कभी इत्तफाक से
जीवन के चौराहे पर
तो क्या जान लोगे कि
यही है दिल जो धड़का था
कभी खातिर तुम्हारी
यही थे नयन जो तकते थे
कभी राहें तुम्हारी
मिल भी जाओगे तो
क्या होगा कभी एतमाद कि
यही वोह रूह थी जो
भटकी थी दिन रात
पा जाने को
इक झलक तुम्हारी
ना भूलोगे कभी
है यह एहसास भी मन को
पाओगे जब कभी तन्हा अपने आप को
तो बरबस मुस्कुराओगे
करोगे याद और फिर गुनगुनाओगे
हाँ इक पगली थी
जो कर जाती थी
व्यथित राते तुम्हारी
छनकती घूंघरूयों से
खनकती चूड़ियों से
महकती सुरभियों से
दहकती जुगनूयों से
वोह इक चमकती आभ थी
जो कर जाती थी
रौशन राहें तुम्हारी
भ्रम है याँ सच है
पर मन में कुछ पलता है
जो दुर्बल होते जीवन को
इक आशा से भरता है
आशा जो देती सुर में ताल
आशा धोती मन का मलाल
आशा जो देती तन में प्राण फूँक
आशा जो देती नव आशा की कूक