निर्देश
जीवन में कभी कभी कुछ पल ऐसे भी आते है
गुनाहों के किसी का बोझ सिर अपने उठाते हैं
भंवर में डूब जाते है सब बड़ी आसानी से
ऐसे चंद ही होते हैं जो भंवर में तैर जाते हैं
हार से डर भागते जो जीत पाने को
कदम मंजिल से पहले ही उनके लडखडा जाते हैं
बने है स्तम्भ वो इतिहास के करोगे जब कभी विवरण
शरो की शैया पर भी भीष्म सा जीवन बिताते है
मत करो हिसाब कर्मो का उँगलियों पर तुम नीरज
जो साधक कर्मयोगी है ,लघु पग से ब्रह्मांड नाप ही जाते है
जीवन में कभी कभी कुछ पल ऐसे भी आते है
गुनाहों के किसी का बोझ सिर अपने उठाते हैं
भंवर में डूब जाते है सब बड़ी आसानी से
ऐसे चंद ही होते हैं जो भंवर में तैर जाते हैं
हार से डर भागते जो जीत पाने को
कदम मंजिल से पहले ही उनके लडखडा जाते हैं
बने है स्तम्भ वो इतिहास के करोगे जब कभी विवरण
शरो की शैया पर भी भीष्म सा जीवन बिताते है
मत करो हिसाब कर्मो का उँगलियों पर तुम नीरज
जो साधक कर्मयोगी है ,लघु पग से ब्रह्मांड नाप ही जाते है