Srijan
शनिवार, 14 अगस्त 2010
boond
बूँदें
बूँदें
तुम्हारे विचारों की
आयीं कुछ इस तरह
मेरे दिमाग के
सागर में
कि
हो गया मीठा
इस सागर का पानी
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