काश !
कह पाते हम अपने मन की बात
आँखों में कट गयी
वोह काली रात
प्रयत्न करके सारे विफल
चल पड़े तुम अकेले ही
सफ़र पर
जीवन को देकर मात
काश! कह पाते हम अपने मन की बात
जानते हैं पग ना तुम्हारे थकें गें
ना लौटेगें पीछे
बस मंजिल पर ही धरेंगें
बढोगे अकेले
ना खोजोगे जमात
काश! कह पाते हम अपने मन की बात