कह दो सब से
कह दो ! इन घटाओं से
नभ में छा जाएँ
फिरोजी आलम बनाए
कह दो ! इन हवाओं से
मस्त सन सनाएँ
नया सरगम बनाएं
कह दो! इन बहारों से
कोई गीत गुन गुनाएं
उत्सव मनाएं
आयी शुभ वेला है
संग उत्साह अलबेला है
होने को स्वयं सिद्ध
कोई चल पड़ा अकेला है