कह माँ
नाना हम से क्यों रूठे हैं
तोता मैना के किस्से कहते
चिरिया बुलबुल की बातें करते
कैसे चुप हो कर बैठे hain
पल्लू से पोंछी भीगी पलकें
बालक को बाहों में भर के
आसमान में इंगित करके
मां बोली फिर साहस भर के
सप्त ऋषि के पीछे चमके
आसमान में जो सुंदर तारा
वही तो हो विश्वाश हमारा
तेरा नाना अब सब का प्यारा