रविवार, 15 अगस्त 2010

kh maa

कह माँ

नाना हम से  क्यों रूठे हैं
तोता मैना के किस्से कहते
चिरिया बुलबुल की बातें करते
कैसे चुप हो कर बैठे hain
पल्लू से पोंछी भीगी पलकें
बालक को बाहों में भर के
आसमान में इंगित करके
मां बोली फिर साहस भर के
सप्त ऋषि के पीछे चमके
आसमान में जो सुंदर तारा
वही तो हो विश्वाश हमारा
तेरा नाना अब सब का प्यारा