कोई साथ नहीं देता
अब गम भी साथ नहीं देता
हम जैसे गम के मारों का
कोई मर्ज़ भी साथ नहीं देता
हम जैसे दर्द के मारों का
माझी भी साथ नहीं देता
हम जैसे मझधारो का
दरिया भी साथ नहीं देता
हम जैसे टूटे दश्त किनारों का
मधुबन भी साथ नहीं देता
हम जैसे पतझारों का
अपना गाँव नहीं बसता
हम जैसे बंजारों का
जाने वालों की क्या चिंता
आने वाले की फिक्र करे कोई
अब रोक लिया है मार्ग
किसी ने आती हई बहारों का