पिया से!
सखी री! मेरे नैना नीर भरे
कारे बदरा घिर घिर आये
सावन के झूले पड़े
कैसे बढ़ाऊं प्रेम की पींगे
सैया है मोसे लड़े
मोरे नैना नीर भरे
काल रात्रि हुई शरद पूर्णिमा
विधु अंगार बने
साज श्रिंगार वृथा लगत सब
कंटक सेज सजे
मोरे नैना नीर भरे
वासन वासंती, रूप सांवरा
कुंडल कान धरे
पिया मोरे मोहि सुधि लीजो
कर जोरे अरज करें
मोरे नैना नीर भरे