Srijan
शुक्रवार, 20 अगस्त 2010
ktra-a-aansoo
कतरा- ए- आंसू
आज फिर !
हमने अपने चेहरे को
आंसूओ से धोया है
और लोग !
कहते हैं चेहरे की
खूबसूरती में निखर आया है.
ऐ रोने वाले ! सीख के रोने का सलीका
वरना लोग क्या जाने
तेरे आंसू का हर एक कतरा
दिल के समुंदर में
तूफ़ान लाया है !
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