बुधवार, 25 अगस्त 2010

Shubh kaamnaayen

शुभ कामनाएं

बन  राज हंस, जीवन सरिता पार करो तुम
बन दीपक  इस जग तम का नाश करो तुम
मानवता के बन कर सजग प्रहरी
मानव  का कल्याण करो तुम
बन मेहा उल्लास का बरसो आँगन में
बन नेहा परिहास का झांको चिलमन से
बन सुमन कचनार की महको उपवन में
बन वसंत बयार कि  गुजरो मधुबन से
हो पर्वत की तुहिन श्रृंखला आसमान को छू कर आयो
हो दानिश, कि भेद क्षीर-नीर का कर   पायो
बढे सामर्थ्य तुम्हारा कि दिन-ओ-दिन  करो तरक्की
करे कामना यही कि ईश दे तुम को शक्ति