शनिवार, 14 अगस्त 2010

Ek Jeevan

    एक जीवन !!

जो उदय हुया
सूर्य सा
चमकता रहा
अंत तक
और आज
सूर्यास्त के बाद भी
इस विकल रजनी में
अपनी आभा बिखराता रहा
चमक रहा ध्रुव तारे सा
देता हुया सन्देश
कि
जीवन में कभी रात भी हो तो
रौशनी ही रहती है
विश्वास की नैया जब भी डगमगाए तो
हाथ में आस की
 पतवार ही रहती है
एक जीवन !!

देता है सीख
जादू जगाओ
तन को तपाओ
और गुनगुनाओ
हर एक पल तुम्हारा है
संकल्प का लंगर
डालो जहाज़ पर
फिर यह सारा जग
तुम से हारा है
एक जीवन!!